नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी ने बुधवार को खनौरी सीमा पर गोलीबारी में एक किसान की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। गांधी ने कहा कि इतिहास निश्चित रूप से किसानों की हत्या का हिसाब बीजेपी से मांगेगा।
एक हिंदी पोस्ट में खरगे ने कहा, “जब किसानों की जान नहीं बचेगी…तो, भारत कैसे चुप रहेगा?”
“खनौरी सीमा पर गोलीबारी के कारण बठिंडा के युवा किसान शुभकरण सिंह की मृत्यु बहुत दुखद है,” उन्होंने कहा।
किसानों की मौत पर राजनीति
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक त्रासदी है। किसान, जो अपनी मेहनत से देश को अन्न देते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए क्या किया जा रहा है? यह सवाल हर भारतीय के मन में उठ रहा है।
राहुल गांधी का यह कहना कि इतिहास किसानों की हत्या का हिसाब मांगेगा, यह दर्शाता है कि राजनीति में इस घटना को एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में देखा जा रहा है। यह न केवल एक व्यक्ति की मौत है बल्कि एक समाज के दर्द की अभिव्यक्ति है।
किसानों की मौत और उनके संघर्ष को राजनीतिक दलों द्वारा किस प्रकार से उठाया जा रहा है, यह आने वाले समय में भारतीय राजनीति की दिशा तय करेगा। इस मामले में सरकार की प्रतिक्रिया और उसके द्वारा उठाए गए कदमों की सभी निगाहें हैं।
शुभकरण सिंह की मौत ने एक बार फिर से उन चुनौतियों को सामने ला दिया है, जिनका सामना भारतीय किसान कर रहे हैं। उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए कदम उठाना सिर्फ सरकार की ही नहीं बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि किसानों के मुद्दे पर संवेदनशीलता और गंभीरता से काम लेने की आवश्यकता है। आखिरकार, किसान ही वे हैं जो हमारे देश को अन्न देते हैं और उनकी सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है।