पंजाब की राजनीतिक परिस्थिति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है, जब विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर कांग्रेस के प्रमुख नेता राज कुमार चब्बेवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया। यह घटना कांग्रेस के लिए एक झटका मानी जा रही है, क्योंकि चब्बेवाल पंजाब में दलित समुदाय के प्रमुख चेहरे में से एक हैं।
चब्बेवाल का AAP में प्रवेश
राज कुमार चब्बेवाल, जो होशियारपुर जिले के चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे, ने अपनी पारंपरिक पार्टी को छोड़ने का निर्णय लिया। इसके पीछे की मुख्य वजह उनका AAP की जन-समर्थक नीतियों से प्रभावित होना बताया जा रहा है। चब्बेवाल का कहना है कि AAP की सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है, जिससे वह खासे प्रभावित हुए।
पंजाब में AAP की लोकप्रियता और इसकी सरकार के नीतियों के प्रति चब्बेवाल की सहमति, कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है। विशेषकर, जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में इस तरह की राजनीतिक गतिविधियां पार्टी की संभावनाओं पर असर डाल सकती हैं।
चब्बेवाल ने अपने निर्णय को साझा करते हुए बताया कि वे AAP सरकार की जन-समर्थक नीतियों, विशेषकर गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए किए गए कामों से बेहद प्रभावित हैं। उनका मानना है कि AAP सरकार डॉ. बीआर अंबेडकर और शहीद भगत सिंह के आदर्शों पर चल रही है, जिससे उन्हें इस पार्टी के साथ जुड़ने की प्रेरणा मिली।
इस राजनीतिक परिवर्तन के साथ ही, चब्बेवाल ने यह भी संकेत दिया कि वे AAP के टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले, वे पंजाब विधानसभा में विपक्ष के उपनेता भी रह चुके हैं।
कुल मिलाकर, चब्बेवाल का AAP में शामिल होना पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है। यह घटना न केवल कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण है बल्कि AAP के लिए भी एक मजबूत संकेत है कि उसकी नीतियां और कार्यक्रम सही दिशा में हैं।