विश्व के अनूठे कल्कि मंदिर के रूप में संभल नगरी अब एक नई पहचान स्थापित करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इस धाम के शिलान्यास की घोषणा की, जिसे प्रमोद त्यागी उर्फ आचार्य प्रमोद कृष्णम् की अगुवाई में निर्मित किया जा रहा है। यह कल्कि धाम न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपने आप में एक विशेष स्थान रखने वाला है।
कल्कि अवतार की भविष्यवाणी
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कल्कि अवतार विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार माने जाते हैं, जो कलयुग के अंत में अधर्म पर धर्म की स्थापना के लिए आएंगे। संभल में इस मंदिर की स्थापना को लेकर स्थानीय पुजारियों और भक्तों में गहरी आस्था है। उनका मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए एक विशेष धाम है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस शिलान्यास कार्यक्रम ने संभल को एक धार्मिक और आध्यात्मिक मानचित्र पर उच्च स्थान प्रदान किया है। इस अवसर पर, आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा कि यह मंदिर न केवल धार्मिक भावनाओं को बल प्रदान करेगा बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बनेगा।
इस कल्कि मंदिर की विशेषता यह है कि यह पूर्णतः भारतीय वास्तुकला पर आधारित होगा और इसे बनाने में प्राचीन शिल्पकला के नमूनों का उपयोग किया जाएगा। मंदिर के निर्माण में लगे शिल्पकार और कारीगर इसे एक अनूठी संरचना देने के लिए कठोर परिश्रम कर रहे हैं।
संभल का यह कल्कि मंदिर न केवल भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान होगा बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके निर्माण से न केवल स्थानीय आर्थिक विकास में योगदान होगा बल्कि यह संस्कृति और परंपरा को भी संजोए रखेगा।
इस मंदिर के निर्माण की योजना और उसकी विशेषताओं ने देशभर के धार्मिक और आध्यात्मिक समुदायों में उत्साह और उम्मीद की एक नई लहर पैदा की है। संभल के कल्कि मंदिर का उद्घाटन न केवल एक धार्मिक कार्यक्रम होगा बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराइयों और विविधताओं का भी प्रतीक होगा।