अमृतसर (हेमा): अमृतसर की लोकसभा सीट पर चार कोणीय मुकाबला होने का अनुमान है, जहां कांग्रेस पार्टी ने गुरजीत सिंह औजला को एक बार फिर से मैदान में उतारा है। इस सीट को अक्सर कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, जहां से गुरजीत औजला पहले भी दो बार जीत चुके हैं।
बीजेपी के उम्मीदवार और रिटायर्ड IFS अधिकारी तरणजीत सिंह संधू को उनकी अपनी पार्टी की विचारधारा से उलट चलने का आरोप लगाते हुए औजला ने खुद को इस राजनीतिक दौड़ में अधिक मजबूत बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी नीतियां और विचारधाराएँ अमृतसर के लोगों की असली आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
आम आदमी पार्टी के कैबिनेट मिनिस्टर कुलदीप धालीवाल और अकाली दल के पूर्व मंत्री अनिल जोशी भी इस चुनावी मुकाबले में शामिल हैं। औजला ने AAP पर विकास के मामले में असफल रहने का आरोप लगाया, जबकि अनिल जोशी के बारे में कहा कि उन्हें अमृतसर के लोगों द्वारा बार-बार नकारे जाने का कारण अभी तक समझ नहीं आया है।
गुरजीत औजला ने कहा कि बीजेपी और अकाली दल के अलग-अलग चुनाव लड़ने का उन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने इस बातचीत में यह भी कहा कि राजनीति में धार्मिक आइकॉन का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, जिस पर उन्होंने राम मंदिर के संदर्भ में भी खुलकर बात की।
इस प्रकार, अमृतसर की राजनीतिक बिसात पर गुरजीत औजला अपने आप को सभी प्रतिद्वंद्वियों से ऊपर मानते हैं, अब देखना यह है कि अमृतसर के लोग इस चुनावी महासंग्राम में उनके विचारों और नीतियों को कितना समर्थन देते हैं।