नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को घोषणा की कि उसने गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र में नई खोजें आयोजित की हैं। यह कार्रवाई उन एजेंटों, सलाहकारों और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ की गई है जो अवैध इमिग्रेशन रैकेट्स चलाते हैं, जो खासकर भारतीयों को विदेश, मुख्य रूप से अमेरिका और कनाडा भेजते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय का सख्त कदम
प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई पैसे की लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत 1 मार्च को शुरू की और इन राज्यों में 29 स्थानों को कवर किया गया, केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा।
इसी तरह की जांच इस वर्ष जनवरी और फरवरी में इसी प्रकार के संस्थानों पर छापेमारी करके की गई थी।
इस कदम का उद्देश्य उन अवैध नेटवर्कों को खत्म करना है जो भारतीयों को विदेशों में अवैध तरीके से भेजते हैं और इस प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में धन की लॉन्ड्रिंग करते हैं। ईडी की इस ताज़ा कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि सरकार ऐसे अवैध कृत्यों के खिलाफ सख्ती से पेश आ रही है।
अवैध पलायन के इस खेल में शामिल व्यक्तियों को न केवल भारतीय नागरिकों के जीवन को खतरे में डालने का दोषी पाया जाता है, बल्कि वे देश की वित्तीय स्थिरता के लिए भी खतरा बन रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस तरह के अवैध नेटवर्कों के खिलाफ अपनी जांच को और अधिक विस्तारित करेगा और ऐसे सभी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा, जो इस तरह के अवैध कार्यों में लिप्त पाए जाते हैं।
इस घोषणा से एक संदेश स्पष्ट होता है कि भारत सरकार अवैध पलायन और पैसे की लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अपने संकल्प को मजबूत कर रही है। ईडी की यह कार्रवाई उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो इस तरह के अवैध कृत्यों में लिप्त हैं।