नई दिल्ली: आईआईटी-बीएचयू के एक पूर्व छात्र को, जिसका नाम आदित्य कृष्णा है, नकली कैंसर दवाओं की आपूर्ति में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में बुधवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस द्वारा मंगलवार को सात लोगों को इसी मामले में गिरफ्तार करने के एक दिन बाद की गई।
कैंसर दवाओं का काला बाजार
आदित्य, जिसकी उम्र 23 वर्ष है, पुणे और एनसीआर क्षेत्र में नकली कैंसर दवाओं का आपूर्तिकर्ता के रूप में काम कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का एक अन्य सदस्य नीरज चौहान, जिसकी उम्र 38 वर्ष है, समेत सात लोगों को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न स्थानों से नकली ‘जीवनरक्षक’ कैंसर कीमोथेरेपी दवाओं के निर्माण और आपूर्ति के आरोप में मंगलवार को हिरासत में लिया।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने कई राज्यों में अपना जाल फैला रखा था और वे नकली दवाओं को असली के रूप में बेचकर मरीजों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे थे। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब एक कैंसर रोगी ने दवाई के असर न होने की शिकायत की।
खोज में जुटी पुलिस
जांच में जुटी दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गहन खोजबीन की और आरोपियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने बड़ी मात्रा में नकली दवाएं और दवा बनाने की मशीनें जब्त की।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह का उद्देश्य न केवल आर्थिक लाभ कमाना था, बल्कि यह भी था कि वे बाजार में अपनी पकड़ बना सकें और नकली दवाओं की आपूर्ति कर सकें।
इस गिरफ्तारी से जुड़े मामले की जांच अभी जारी है, और पुलिस अन्य संबंधित लोगों की तलाश में है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियों की संभावना है, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी।