आगरा (उत्तर प्रदेश): यहाँ के एक कर्ज में डूबे व्यापारी ने कथित तौर पर अपनी बीमार माँ और 12 वर्षीय बेटे की हत्या करने के बाद खुद को फांसी लगा ली, पुलिस ने रविवार को बताया।
आगरा में त्रासदी
इस दुखद घटना का समय वह था जब व्यापारी की पत्नी राजस्थान के खाटू श्याम जी मंदिर में दर्शन के लिए गई हुई थी। घटना वकीलों की कॉलोनी में हुई, पुलिस ने कहा।
व्यापारी तरुण चौहान (43) के घरेलू सहायक ने रविवार सुबह उन्हें अपने कमरे में लटका पाया। उनका बेटा और माँ ब्रजेश देवी (65) एक अन्य कमरे में मृत पाए गए, पुलिस ने कहा।
इस घटना ने पूरे आगरा शहर को स्तब्ध कर दिया है। एक समृद्ध व्यापारी परिवार के इस तरह के अंत की किसी ने कल्पना नहीं की थी। इस दुखद घटना ने समाज में गहरे मानसिक स्वास्थ्य और कर्ज के प्रभाव पर प्रकाश डाला है।
पुलिस और जांच एजेंसियां इस केस की गहनता से जांच कर रही हैं। इस घटना के पीछे की असली वजहों को सामने लाने की कोशिश में लगी हैं। समाज में फैले कर्ज के जाल और मानसिक दबाव को कम करने के उपायों पर भी चर्चा हो रही है।
इस घटना ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि समाज में किस तरह के सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और वित्तीय सलाह को और अधिक सुलभ बनाया जाना चाहिए।
इस त्रासदी ने आगरा समाज के हर वर्ग को झकझोर दिया है। इसने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता समाज के हर वर्ग के लिए महत्वपूर्ण हैं। समाज को इस दिशा में और अधिक सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता है।