भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है। 17 फरवरी को, ISRO ने INSAT-3DS सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जो मौसम की सटीक जानकारी प्रदान करने में एक क्रांतिकारी कदम है। इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था।
INSAT-3DS: मौसम की नई आंखें
INSAT-3DS सैटेलाइट को शाम 5:35 बजे लॉन्च करने के मात्र 19.13 मिनट में यह पृथ्वी से लगभग 37000 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंच गया। इस सैटेलाइट का मिशन अगले 10 साल तक मौसम की निगरानी करना और सटीक जानकारी प्रदान करना है। यह न सिर्फ भारत बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए मौसम संबंधित आपदाओं की पूर्व सूचना देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
INSAT-3DS की खासियत इसकी उच्च तकनीकी क्षमता है, जो इसे मौसम की स्थिति, चक्रवात, तूफान आदि की पहचान में सक्षम बनाती है। यह सैटेलाइट वातावरण की विस्तृत जानकारी इकट्ठा कर सकता है, जिससे कृषि, मछली पालन, जलवायु विज्ञान, और आपदा प्रबंधन में भारी सुधार होगा।
इसरो के अध्यक्ष ने इस उपलब्धि पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “INSAT-3DS का सफल प्रक्षेपण भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में एक मील का पत्थर है। इस सैटेलाइट के माध्यम से, हम न केवल मौसम संबंधित चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकेंगे बल्कि आपदा प्रबंधन में भी नई दिशाओं की ओर बढ़ेंगे।”
इस प्रक्षेपण के साथ, भारत ने एक बार फिर से विश्व स्तर पर अपनी तकनीकी प्रगति और अंतरिक्ष में अपनी दृढ़ता का प्रमाण प्रस्तुत किया है। INSAT-3DS का मिशन न केवल वैज्ञानिक समुदाय के लिए बल्कि पूरे मानव समाज के लिए एक उपलब्धि है।
अंतरिक्ष और मौसम विज्ञान के क्षेत्र में यह प्रगति भारत को नई ऊँचाइयों पर ले जा रही है। INSAT-3DS की सफलता भविष्य में अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास के लिए नई संभावनाओं को खोलती है। इस सैटेलाइट के जरिए, भारत मौसम की अधिक सटीक और विस्तृत जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होगा, जो विभिन्न क्षेत्रों में योजना और प्रबंधन को बेहतर बनाएगा।