देहरादून (नेहा): उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में लोगों का मानना है कि अग्निपथ योजना और अंकिता भंडारी मामला यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चुनावी संभावनाओं पर प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से युवा खुश नहीं हैं।
चमोली जिले के निवासी अंकित नेगी के अनुसार, सेना में करियर बनाना यहाँ के हर युवा की पहली पसंद होती है, विशेषकर पहाड़ी या ग्रामीण क्षेत्रों से। अंकित ने कहा, “हर युवा के जीवन में 17 से 25 वर्ष की आयु बहुत महत्वपूर्ण होती है, जब वे तय करते हैं कि उनका भविष्य किस दिशा में जाएगा। इस दौरान उनका और उनके परिवार का भविष्य निर्धारित होता है। हालांकि, इस योजना के शुरू होने के बाद से युवा बेहद चिंतित हैं।” अंकित ने कहा कि अग्निपथ योजना भारतीय सेना में चार साल की संक्षिप्त सेवा प्रदान करती है, जिसके बाद युवाओं को बिना पेंशन के अन्य क्षेत्रों में अपना करियर तलाशना पड़ता है। इससे युवाओं में असंतोष और भविष्य की अनिश्चितता की भावना बढ़ गई है।
चमोली के एक अन्य युवा विशेषज्ञ ने बताया, “अग्निपथ योजना ने न केवल युवाओं को निराश किया है, बल्कि इसने उनके जीवन में एक बड़ी अनिश्चितता भी पैदा कर दी है। इससे पहले कि वे कुछ सोच पाते, उनकी सेवा समाप्त हो जाती है।” इसके अलावा, अंकिता भंडारी मामले ने भी क्षेत्र में बीजेपी के प्रति आक्रोश को बढ़ा दिया है। अंकिता की दुखद मौत ने सामाजिक न्याय के प्रति लोगों की उम्मीदों को झकझोर दिया है।
वहीं गढ़वाल के एक समाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ और न्याय की अनुपस्थिति ने हमें बहुत प्रभावित किया है। इससे हमारा विश्वास उन लोगों से उठ गया है जो हमारे हितों की रक्षा करने का दावा करते हैं।” अग्निपथ योजना और अंकिता भंडारी मामले के प्रभाव से उत्पन्न आक्रोश और निराशा ने बीजेपी की चुनावी संभावनाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। आगामी चुनावों में इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।