ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में एक नया वर्किंग लॉ बिल पास किया है, जिसके अनुसार अब कर्मचारियों के लिए ऑफिस के घंटों के बाद अपने बॉस का फोन उठाना अनिवार्य नहीं होगा। इस कदम को वर्क-लाइफ बैलेंस को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जो कि 20 से अधिक देशों में पहले से ही लागू है।
ऑस्ट्रेलिया में नई नीति का प्रभाव
इस नए नियम के अनुसार, कर्मचारियों को अपने निजी समय में विश्राम करने और अपने पारिवारिक जीवन में समय देने का अधिकार होगा। इससे कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होने की उम्मीद है, जो कि उनके कार्य प्रदर्शन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
इस बिल के अंतर्गत, कंपनियों को अपने कर्मचारियों के कार्य-जीवन संतुलन का समर्थन करने के लिए नए दिशा-निर्देश बनाने होंगे। इसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि कर्मचारियों को अपने काम के बाहर के समय में काम से संबंधित कॉल्स या ईमेल्स का जवाब देने की अपेक्षा न की जाए।
कर्मचारियों के लिए एक नया दौर
यह नया कानून ऑस्ट्रेलिया में काम करने के तरीके में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाता है। इससे कर्मचारियों को अपने काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलेगी, जिससे वे अधिक खुश और संतुष्ट रह सकेंगे।
कार्यस्थल में इस बदलाव का स्वागत किया जा रहा है, क्योंकि यह न सिर्फ कर्मचारियों के लिए बल्कि संगठनों के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा। कर्मचारी जब तनावमुक्त होकर काम करेंगे, तो उनका प्रदर्शन भी बेहतर होगा, जिससे संगठन की समग्र उत्पादकता बढ़ेगी।
इस बिल के लागू होने से, ऑस्ट्रेलिया उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो कार्य-जीवन संतुलन के महत्व को समझते हैं और इसे प्रोत्साहित करते हैं। यह एक ऐसा कदम है जो न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ और संतुलित कार्य जीवन शैली सुनिश्चित करेगा।