चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच आज एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसमें किसान समुदाय की मुख्य चिंताओं और मांगों पर चर्चा की जा रही है। यह बैठक महात्मा गांधी राज्य पब्लिक प्रशासन संस्थान, सेक्टर 26, चंडीगढ़ में हो रही है।
किसान आंदोलन का नया मोड़
किसानों का दिल्ली कूच अब तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। अंबाला और जींद से चंडीगढ़ तक किसानों की यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। सरकार और किसानों के बीच तनाव के बावजूद, दोनों पक्षों की तरफ से समाधान की दिशा में बातचीत का यह तीसरा दौर एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
पिछले दिनों, पुलिस द्वारा किसानों को रोकने के लिए पानी की तोपें, आँसू गैस के गोले, और रबर की गोलियाँ चलाने जैसी कठोर कार्यवाही की गई। हालांकि, आज की बैठक में, किसानों और सरकार के बीच एक संवाद की स्थापना की गई है, जो किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
केंद्रीय मंत्रियों, पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा, और नित्यानंद राय की उपस्थिति में, और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई अन्य किसान नेताओं के साथ, इस बैठक का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच मतभेदों को पाटना है।
सरकार की कोशिश है कि इस बातचीत के जरिए किसानों की मुख्य चिंताओं को समझा जाए और उन्हें हल किया जा सके। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आगामी लोक सभा चुनावों के मद्देनजर, सरकार पर किसानों की मांगों को पूरा करने का दबाव है।
किसानों और सरकार के बीच पहले के दो दौर की बातचीत में कुछ मुद्दों पर सहमति बनी थी, लेकिन मुख्य मुद्दे जैसे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कर्ज माफी पर अभी भी पेच फंसा हुआ है। इस बैठक में, दोनों पक्ष इन मुद्दों को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे।
अंततः, इस बैठक से उम्मीद की जा रही है कि किसानों और सरकार के बीच एक सकारात्मक संवाद स्थापित होगा, जिससे दोनों पक्षों के बीच मतभेदों को पाटने में मदद मिलेगी। किसानों की आवाज़ को सुना जाना और उनकी मांगों पर विचार किया जाना इस बैठक का मुख्य उद्देश्य है।