चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा की सीमा पर खनौरी बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष के सात दिन बाद, पंजाब पुलिस ने बुधवार रात को शुभकरण सिंह की मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज किया है।
हत्या का मामला दर्ज
बठिंडा के मूल निवासी 21 वर्षीय शुभकरण की मौत 21 फरवरी को हुई थी जब कुछ प्रदर्शनकारी किसान “दिल्ली चलो” मार्च के दौरान पुलिस बैरिकेड्स की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे।
इस घटना में शुभकरण की मौत हो गई और 12 सुरक्षा कर्मी घायल हो गए। पंजाब पुलिस ने पटियाला के पतरान पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 114 (अपराध के समय उपस्थित अभियोक्ता) के तहत मामला दर्ज किया है।
न्याय की मांग
शुभकरण की मौत ने किसान समुदाय में गहरा आक्रोश उत्पन्न किया है। उनके परिवार और समर्थकों ने न्याय की मांग की है, जिससे इस मामले में पुलिस की कार्यवाही तेज हो गई है।
प्रदर्शनकारी किसानों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें नई नहीं हैं, लेकिन शुभकरण की मौत ने इस संघर्ष को एक नया मोड़ दिया है। समाज के हर वर्ग से लोग इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।
समाज का आक्रोश
किसान संघर्ष और उनकी मांगों के प्रति समर्थन में आम जनता से भी आवाज उठाई जा रही है। शुभकरण की मौत ने इस आंदोलन को और भी ज्यादा उजागर किया है।
पंजाब पुलिस की ओर से केस दर्ज करना इस बात का संकेत है कि शुभकरण की मौत के मामले में गंभीरता से जांच की जाएगी। यह घटना न केवल पंजाब और हरियाणा में, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है।
न्याय की इस लड़ाई में शुभकरण के परिवार को समाज के हर वर्ग से समर्थन मिल रहा है। इस मामले ने न केवल किसान आंदोलन के महत्व को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि न्याय के लिए समाज के हर वर्ग का समर्थन कितना महत्वपूर्ण है।