चंडीगढ़: हरियाणा की सुरक्षा बलों ने बुधवार को, पंजाब के किसानों पर शम्भू सीमा पर, जो कि दो राज्यों के बीच में है, आंसू गैस के गोले दागे जबकि हजारों प्रदर्शनकारी वहाँ पर ‘दिल्ली चलो’ मार्च के दूसरे दिन भी डटे रहे।
आंसू गैस का इस्तेमाल
जब भी प्रदर्शनकारी किसानों का कोई समूह बैरिकेड्स की ओर बढ़ने की कोशिश करता, पुलिस ने कार्रवाई की। कुछ किसानों ने बैरिकेड्स के पास स्थित सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर भी फेंके।
प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए। इस बीच, सुरक्षा बलों का कहना है कि उन्होंने शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
इस घटना से पहले, किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च करने का निर्णय लिया था ताकि वे अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचा सकें। उनकी मुख्य मांगों में नई कृषि नीतियों के खिलाफ विरोध शामिल है।
सरकार और किसान संगठनों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत जारी है, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। किसानों का कहना है कि वे तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।
इस प्रदर्शन ने न केवल दो राज्यों के बीच की सीमा पर तनाव बढ़ाया है बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। देश भर के लोग इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं, और कई अन्य संगठन भी किसानों के समर्थन में आगे आए हैं।
अंत में, इस घटना का समाधान खोजने के लिए सभी पक्षों के बीच संवाद की जरूरत है। सरकार, किसान संगठन, और समाज के अन्य वर्गों को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजने की आवश्यकता है, ताकि देश के कृषि सेक्टर को मजबूती मिल सके और किसानों की चिंताओं का समाधान हो सके।