चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने गुरुवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत को लेकर हत्या के मामले की मांग की और इस घटना की निंदा में ‘काला दिवस’ और ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया।
संघर्ष की चिंगारी
21 वर्षीय सुभकरण सिंह की मौत बुधवार को हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़पों के दौरान हुई, जिनका दिल्ली चलो मार्च पंजाब के संगरूर जिले में खनौरी सीमा पर रुक गया था।
पंजाब के किसान अपनी फसलों के लिए केंद्र से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
इस घटना ने न सिर्फ संबंधित परिवारों में, बल्कि पूरे किसान समुदाय में गहरी चिंता और रोष पैदा कर दिया है।
एकजुटता की आवाज
SKM का ‘काला दिवस’ और ट्रैक्टर मार्च का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि किसान अपने हकों के लिए एकजुट होकर खड़े हैं। यह घटना किसानों के संघर्ष को एक नई दिशा देने का काम कर सकती है।
इस प्रकार की घटनाएं समाज में व्याप्त गहरी समस्याओं की ओर इशारा करती हैं, जिन्हें हल करने की आवश्यकता है।
किसानों का यह मार्च न सिर्फ उनके अपने हकों के लिए, बल्कि समाज में न्याय और समानता के लिए भी एक मजबूत संदेश भेजता है।
आगे की राह
SKM की इस मांग के साथ, यह आवश्यक है कि सरकार और संबंधित अधिकारी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए उचित कदम उठाएं।
किसानों की यह लड़ाई सिर्फ उनके अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि एक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण के लिए भी है।
इस घटना के मद्देनज़र, समाज के हर वर्ग को किसानों के संघर्ष में सहयोग और समर्थन देने की आवश्यकता है।
अंततः, यह समय किसानों की आवाज़ को सुनने और उनकी मांगों को पूरा करने का है, ताकि एक अधिक न्यायपूर्ण और समान समाज की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।