चंड़ीगढ (अप्सरा): पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसान शुभकरण सिंह की मौत पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए न्यायिक जांच कमेटी को छह सप्ताह का समय दिया है। बुधवार को कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी ने जांच समिति द्वारा भेजे गए पत्र पर विचार किया।
जिसमें उसने न्यायालय को सूचित किया कि शुभकरण सिंह की मौत की जांच के लिए छह सप्ताह की आवश्यकता होगी क्योंकि हरियाणा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जांच समिति को चुनौती देने के कारण जांच नहीं हुई। कोर्ट ने दोनों राज्यों को न्यायिक जांच कमेटी के साथ सहयोग करने का भी आदेश दिया गया।
शुभकरण सिंह की 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी। आरोप है कि हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई गई गोली लगने से उसकी मौत हो गई। हाई कोर्ट ने सात मार्च को शुभकरण सिंह की मौत की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त हाई कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी।
हाई कोर्ट पीठ ने आदेश दिया था कि तीन सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस जयश्री ठाकुर करेंगे। उनके साथ हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लो व पंजाब के एडीजीपी प्रमोद बन को कमेटी का हिस्सा बनाया है। जस्टिस जय श्री ठाकुर को प्रतिमाह पांच लाख रुपये का भुगतान दोनों सरकारों को बराबर हिस्से में करना होगा।