नई दिल्ली में गुरुवार को विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जहां ‘किसान मजदूर महापंचायत’ के चलते शहर के केंद्रीय हिस्सों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। आधिकारियों ने बताया कि वाहनों की जांच के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई थी।
भारी संख्या में किसान गुरुवार को यहां रामलीला मैदान में एकत्रित हुए, जो भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कृषि संबंधी नीतियों के विरोध में आयोजित महापंचायत में भाग लेने के लिए आए थे।
किसान
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि रामलीला मैदान और इसके आसपास पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। यातायात को भी प्रबंधित किया जा रहा है ताकि आम जनता को कोई असुविधा न हो।
सुरक्षा की इस व्यवस्था के चलते, शहर के केंद्रीय भागों में यातायात में बाधा देखी गई। यात्रियों को अपने गंतव्यों तक पहुँचने में कठिनाई हुई, लेकिन पुलिस ने सुनिश्चित किया कि यातायात को यथासंभव सुचारू रूप से प्रबंधित किया जाए।
इस महापंचायत का आयोजन किसानों की विभिन्न मांगों और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किया गया था। यह आंदोलन किसानों की एकजुटता का प्रतीक बना, जिसमें उन्होंने अपनी आवाज उठाई और सरकार से संवाद की मांग की।
किसान संगठनों ने इस महापंचायत के माध्यम से सरकार को संदेश दिया कि वे अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं और उनका संघर्ष जारी रहेगा जब तक कि उनकी आवाज़ सुनी नहीं जाती।
इस घटना ने न केवल राष्ट्रीय मीडिया में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी ध्यान आकर्षित किया, जिससे किसानों के मुद्दों को व्यापक पहचान मिली।
किसानों की इस महापंचायत ने न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया, जिससे आम जनता के बीच कृषि समुदाय के प्रति सहानुभूति और समर्थन बढ़ा।
महापंचायत के समापन पर, किसान नेताओं ने घोषणा की कि वे अपनी मांगों को लेकर आगे भी संघर्ष करते रहेंगे और सरकार से उचित समाधान की उम्मीद करते हैं।
इस आयोजन ने किसानों की मांगों और उनके संघर्षों को एक नई पहचान दी, जिससे उनके मुद्दों पर राष्ट्रीय चर्चा को बढ़ावा मिला।