दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले में चल रही जांच के संबंध में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी किए गए छठे समन का भी जवाब नहीं दिया। आम आदमी पार्टी (AAP) का कहना है कि ये समन अवैध हैं और जब तक अदालत से इसकी वैधता पर निर्णय नहीं आ जाता, तब तक ED को इंतजार करना चाहिए।
ED की कार्रवाई पर उठे सवाल
ED ने 17 फरवरी को छठा समन जारी करके केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले केजरीवाल को कई बार समन भेजे जा चुके हैं, लेकिन वे पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए। इसके बाद ED ने राउस ऐवेन्यू कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
अदालत ने 14 फरवरी को केजरीवाल को 17 फरवरी को अदालत में पेश होकर सुनवाई में न आने का कारण बताने के लिए कहा था। हालांकि, दिल्ली विधान सभा में चल रहे विश्वास मत और बजट सत्र के कारण केजरीवाल अदालत में पेश नहीं हो पाए। अदालत ने अगली सुनवाई 16 मार्च को निर्धारित की है।
सूत्रों के अनुसार, ED जल्द ही केजरीवाल को सातवां समन भेज सकती है। इस बीच, जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि समन की वैधता को लेकर कोई सुनवाई अदालत में नहीं हो रही है। केजरीवाल द्वारा पहले जारी किए गए तीन समनों की अनदेखी के बाद, अदालत ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपराध किया है।
अदालत ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 174 के तहत ED की याचिका पर नोटिस जारी किया है। यह धारा कानूनी आदेशों की अवज्ञा से संबंधित है। अदालत ने माना कि केजरीवाल पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
इस पूरे मामले में, AAP का कहना है कि जब तक अदालत से निर्णय नहीं आ जाता, तब तक ED को कार्रवाई करने के बजाय इंतजार करना चाहिए। इस मामले में आगे क्या होगा, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।