तिरुवनंतपुरम (राघव): केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कांग्रेस पार्टी के केरल राज्य अध्यक्ष के. सुधाकरन को बरी कर दिया है। सुधाकरन पर साल 1995 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के कुछ नेताओं, जिनमें वर्तमान एलडीएफ कन्वीनर ईपी जयराजन भी शामिल हैं, की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा था।
उच्च न्यायालय ने पाया कि आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा पहले ही इन आरोपों की गहन जांच की गई थी। उन्हें इस जांच में कोई भी ठोस सबूत नहीं मिले थे जो कि सुधाकरन के खिलाफ कोई आपराधिक साजिश को प्रमाणित कर सकें। इस आधार पर, अदालत ने यह निर्णय लिया कि केरल में दर्ज की गई दूसरी एफआईआर अनुचित थी और सुधाकरन को इस मामले में बरी कर दिया गया।
इस फैसले के साथ ही केरल की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। के. सुधाकरन, जो कि लंबे समय से इस आरोप से जूझ रहे थे, अब पूरी तरह से निर्दोष साबित हुए हैं। इस फैसले से उनकी राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को बल मिलेगा और उनके समर्थकों में नई जान फूंकी गई है।
इस निर्णय को लेकर विपक्षी दल सीपीआई(एम) ने भी प्रतिक्रिया दी है। वे इसे न्यायिक प्रक्रिया की जीत बताते हुए सम्मान करने की बात कह रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि वे इस मामले में आगे की कानूनी संभावनाओं को तलाशेंगे।