खडूर साहिब (उपासना): लोकसभा क्षेत्र खडूर साहिब से वर्तमान कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने प्रादेशिक राजनीति पर ध्यान देने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ने से हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं डिंपा के चुनाव मैदान छोड़ते ही खडूर साहिब से कांग्रेस के टिकट के लिए पूर्व विधायकों सुखपाल सिंह भुल्लर व कुलबीर सिंह जीरा के बीच जोर आजमाइश शुरू हो गई है।
लोकसभा चुनाव-2019 में खडूर साहिब से जसबीर सिंह डिंपा ने शिअद-भाजपा गठबंधन की बीबी जगीर कौर को हराकर लोकसभा चुनाव जीता था। इस चुनाव में जसबीर सिंह डिंपा को 4,59,410 वोट पड़े थे, जबकि बीबी जागीर कौर को 3,19,137 वोट पड़े थे। वहीं, पंथक मोर्चा की परमजीत कौर खालड़ा को 2,14,489 मत पड़े थे।
‘आप’ के मनजिंदर सिंह लालपुरा को महज 13,656 मत ही मिले थे। इस चुनाव में ‘आप’ प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई थी। डिंपा अब आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
हालांकि, एक खेमा तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे गुरचेत सिंह भुल्लर के पक्ष में है। उधर, माझा से संबंधित 6 विधानसभा क्षेत्रों के नेता एकजुट होकर पार्टी हाईकमान से यह आग्रह कर रहे हैं कि विधानसभा सीटों के आधार पर प्रत्याशी का निर्णय किया जाए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में खेमकरण हलके से विरसा सिंह वल्टोहा को हराकर विधायक बने सुखपाल टिकट के दावेदार हैं।
भुल्लर आल इंडिया युवा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं, जबकि पांच वर्ष तक जिला कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। भुल्लर तेज-तर्रार नेताओं में आते हैं और बेबाक बयानबाजी करना उनका स्वभाव है। भुल्लर के अलावा जीरा से विधायक रहे कुलबीर भी युवा चेहरों में आते हैं। जीरा भी तेज-तर्रार नेताओं में आते हैं और अक्सर चर्चा में रहते हैं। जीरा के पक्ष में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा डटे हैं।
वहीं, कांग्रेस की सरकारों में तीन बार कैबिनेट मंत्री रह चुके गुरचेत सिंह भुल्लर का नाम भी एक गुट ले रहा है। खेमकरण के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर के पिता गुरचेत सिंह भुल्लर दिग्गज नेताओं में आते हैं। वह 2017 में कांग्रेस की टिकट के दावेदार थे, परंतु पार्टी हाईकमान ने गुरचेत सिंह भुल्लर की जगह टिकट उनके पुत्र सुखपाल सिंह भुल्लर को दे दिया था। गुरचेत सिंह भुल्लर शांत स्वभाव के नेताओं में गिने जाते हैं और संसदीय क्षेत्र खडूर साहिब से संबंधित कांग्रेस की समूची लीडरशिप में सबसे वरिष्ठ हैं।