चमोली (उत्तराखंड) (अप्सरा): उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की महिला मतदाताओं ने कहा भाजपा की भाग्य बदलने में महिला आरक्षण विधेयक और “महिला-समर्थक” योजनाएँ मदद कर सकती हैं, परंतु चमोली आपदा के पीड़ितों के पुनर्वास में हो रही देरी चिंताजनक ह ।
रश्मि नौटियाल, चमोली जिले की निवासी, ने कहा कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है और वे खुद के लिए खड़े होना सीख रही हैं। क्षेत्र में बेरोजगारी की ऊँची दर, आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें और अग्निपथ योजना भी राज्य में लोकसभा चुनावों से पहले महिला मतदाताओं के लिए कुछ अन्य चिंताजनक मुद्दे हैं। रश्मि नौटियाल ने कहा भाजपा की महिला समर्थक नीतियां जैसे कि महिला आरक्षण विधेयक और विभिन्न विकास योजनाएँ महिलाओं के बीच सराहना प्राप्त कर रही हैं। हालांकि, चमोली आपदा के पीड़ितों के पुनर्वास में देरी ने इस सकारात्मक छवि पर धब्बा लगा दिया है।
रश्मि नौटियाल के अनुसार गढ़वाल क्षेत्र में उच्च बेरोजगारी दर और मूल्यवृद्धि जैसी समस्याएं महिला मतदाताओं के लिए मुख्य चिंता का विषय बनी हुई हैं। अग्निपथ योजना को लेकर भी महिलाएं काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में महिलाओं की सक्रियता और अधिकार के लिए खड़े होने की क्षमता ने निश्चित रूप से उनके सामाजिक स्थान को मजबूत किया है। यह परिवर्तन न केवल उनके लिए, बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी सिद्ध हो रहा है।