इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने हाल ही में एक खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री कॉन्डोलीज़ा राइस ने उनकी सरकार को ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में छिपे होने की आशंका के बारे में काफी पहले ही आगाह किया था।
गिलानी 2008 से 2012 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे।
अमेरिका की चिंता
राइस ने अपने कार्यकाल के दौरान चार बार पाकिस्तान का दौरा किया था। उनकी और गिलानी की मुलाकात 2008 में हुई थी, जब राइस ने नई दिल्ली में बातचीत के बाद इस्लामाबाद का आकस्मिक दौरा किया था। यह दौरा 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के तुरंत बाद हुआ था।
गिलानी के अनुसार, राइस ने उन्हें बताया था कि अमेरिका को शक है कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में छिपा हुआ है। उन्होंने इस जानकारी को पाकिस्तान सरकार के साथ साझा किया था ताकि वे इस मामले पर ध्यान दें।
इस खुलासे से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका को बिन लादेन के पाकिस्तान में होने का संदेह काफी समय पहले से था। यह जानकारी बिन लादेन के 2011 में अब्बोटाबाद में अमेरिकी कमांडो द्वारा मारे जाने से बहुत पहले साझा की गई थी।
यूसुफ रजा गिलानी का यह खुलासा अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में गहराई से झांकने का एक अवसर प्रदान करता है। यह दर्शाता है कि किस तरह दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और संवाद हुआ करता था।
इस घटनाक्रम को साझा करने का मुख्य उद्देश्य यह समझाना है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग कितना महत्वपूर्ण है। यह भी बताता है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बिन लादेन जैसे आतंकवादी नेताओं को ढूंढने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने के लिए साथ काम किया।
यूसुफ रजा गिलानी का यह खुलासा पाकिस्तान और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में सहयोग की गहराई को भी उजागर करता है। इससे यह भी पता चलता है कि कैसे दोनों देशों ने इस वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए मिलकर काम किया।