गुरुग्राम, जिसे अक्सर साइबर सिटी के नाम से जाना जाता है, ने हाल ही में एक चौंकाने वाले मामले का सामना किया है। सकतपुर गांव, जो कि एक रिजर्व फॉरेस्ट लैंड के भीतर स्थित है, ने अवैध रूप से मनोरंजनात्मक वोटिंग आयोजनों की मेजबानी की खबरों से वन विभाग की शांति भंग की।
अवैध गतिविधियों का गढ़
वन विभाग के अनुसार, सकतपुर गांव में वाटर पॉन्ड के आस-पास गैरकानूनी रूप से वोटिंग कराने की सूचना कुछ महीने पहले मिली थी। ये वाटर पॉन्ड न केवल वन्य जीवों के लिए जीवनदायिनी हैं बल्कि भूजल को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस जानकारी के प्रकाश में, विभाग की एक टीम ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने की ठानी।
उनके पहुंचते ही, स्थानीय सरपंच ने उन्हें कार्रवाई करने से रोकने का प्रयास किया। एक घंटे तक चली इस तनातनी में, सरपंच ने विभाग के अधिकारियों को उनके कर्तव्य निर्वहन में बाधा डाली।
इस प्रकरण ने न केवल वन्य जीवन और पर्यावरण के प्रति चिंता को बढ़ाया है, बल्कि इसने अवैध गतिविधियों के खिलाफ सरकारी नीतियों की प्रभाविता पर भी प्रश्न उठाए हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने साफ किया है कि वे किसी भी कीमत पर इस प्रकार की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और उन्होंने इस मामले को आगे की जांच के लिए उचित प्राधिकरणों के समक्ष पेश किया है।
साइबर सिटी के इस गांव में आयोजित इस अवैध वोटिंग ने समुदाय में एक बहस को जन्म दिया है। यह मामला न केवल पर्यावरणीय नैतिकता का प्रश्न उठाता है बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों और अधिकारियों की नीतियों के प्रति संवेदनशीलता की भी परीक्षा है। विभाग और समुदाय के सदस्यों का कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अनिवार्य है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और समाज में एक सकारात्मक संदेश प्रेषित