उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने ना केवल समाज के संवेदनशील पहलुओं को उजागर किया है बल्कि कानूनी व्यवस्था पर भी प्रश्न चिह्न लगा दिया है। यहां की एक महिला ने अपने पति, देवर और अन्य परिजनों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहानी का खुलासा किया है।
ट्रिपल तलाक और हलाला की घटना
महिला के अनुसार, उसकी शादी पिछले साल गोंडा के देहात कोतवाली क्षेत्र के एक व्यक्ति से हुई थी। शादी के बाद उसे पता चला कि उसका पति पहले से ही विवाहित है और पाँच बच्चों का पिता है। फिर भी, उसने अपने पति के साथ रहने का निर्णय लिया।
दहेज की मांग और मारपीट का सामना करने के बाद, पति ने उसे तलाक दे दिया और घर से निकाल दिया। सुलह के लिए वापस जाने पर, सास ने उसे देवर से हलाला कराने को कहा।
न्याय की आवाज
इस घटना ने समाज में व्याप्त दहेज प्रथा और महिलाओं के प्रति हिंसा के मुद्दों को एक बार फिर से सामने ला दिया है। पीड़िता ने अपने पति, देवर, सास-ससुर समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उसका कहना है कि उसे न केवल धोखे में रखा गया बल्कि दहेज के लिए प्रताड़ित भी किया गया।
इस घटना के बाद, समाज में व्याप्त रूढ़िवादी प्रथाओं और महिलाओं के प्रति अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई गई है। लोगों का कहना है कि ऐसी प्रथाओं को समाप्त करने के लिए कड़े कानूनी प्रावधानों की जरूरत है।
गोंडा में इस घटना ने ना केवल व्यक्तिगत दर्द की कहानी सुनाई है बल्कि समाजिक सुधार की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है। अब समय आ गया है कि समाज, कानून और सरकार मिलकर ऐसी प्रथाओं के खिलाफ कदम उठाएं और महिलाओं को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करें।