बीजिंग: चीन ने घोषणा की है कि वह भारत में उत्पन्न ओ-क्लोरो-पी-नाइट्रोएनिलाइन के आयात पर लगाए गए एंटी-डंपिंग शुल्क को अगले पांच वर्षों के लिए बरकरार रखेगा।
शुल्क विस्तार
वाणिज्य मंत्रालय (MOFCOM) की एक घोषणा के अनुसार, यह विस्तार 13 फरवरी से शुरू होकर अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगा।
चीन ने पहली बार 12 फरवरी, 2018 को इस पर 31.4-49.9 प्रतिशत की दरों पर पांच वर्षों के लिए शुल्क लगाए थे। इस निर्णय को अब पांच और वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है।
यह कदम भारतीय रसायनों के चीनी बाजार में अनुचित डंपिंग को रोकने और घरेलू उद्योगों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है। एंटी-डंपिंग शुल्क, व्यापारिक नीतियों के अंतर्गत, उन उत्पादों पर लगाया जाता है जो उनके उत्पादन लागत से कम कीमत पर आयात किए जाते हैं।
इस निर्णय से भारतीय रसायन उद्योग पर प्रभाव पड़ सकता है, जो चीन को अपने उत्पादों का एक महत्वपूर्ण निर्यातक मानता है। व्यापारिक संबंधों में इस तरह के निर्णय दोनों देशों के बीच सहयोग और समझ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस विस्तार से चीनी बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी और स्थानीय उद्योगों को संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे चीन में रसायन उद्योग की स्थिरता और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
अंत में, यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों और विनियमों के अनुसार लिया गया है। चीन और भारत दोनों को उम्मीद है कि यह कदम द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और आपसी समझ विकसित करने में मदद करेगा।