उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के मटौंध थाना क्षेत्र के बंसीपुर गांव में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। एक बच्चे के बरहों संस्कार के दौरान, जिसमें खुशियों का माहौल था, अचानक हर्ष फायरिंग के एक अवांछित कृत्य ने सब कुछ बदल दिया।
इस कार्यक्रम में गांव के लोगों को भी आमंत्रित किया गया था। सभी लोग बच्चे के बरहों संस्कार में शामिल होकर खुशियाँ मना रहे थे। लेकिन, जब खुशियों के इस माहौल में हर्ष फायरिंग शुरू हुई, तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह खुशियाँ जल्दी ही मातम में बदल जाएगी।
मातम की वजह
हर्ष फायरिंग के दौरान, प्रमोद नाम के 20 साल के युवक के सीने में अचानक गोली लग गई। घटना के तुरंत बाद, परिजन उसे नजदीकी अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना ने ना केवल प्रमोद के परिवार को, बल्कि पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जाँच शुरू कर दी। प्रमोद के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने इस मामले में जांच के दौरान गांव के कुछ लोगों से पूछताछ की और हर्ष फायरिंग करने वाले व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश की।
जांच और प्रतिक्रिया
इस घटना ने एक बार फिर हर्ष फायरिंग की प्रथा पर सवाल उठाए हैं। ऐसी प्रथाएं जो खुशियों के मौकों पर अपनाई जाती हैं, कई बार दुखदायी साबित होती हैं। पुलिस और प्रशासन ने इस घटना के बाद लोगों से ऐसी गतिविधियों से दूर रहने की अपील की है।
समाज में ऐसी प्रथाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने की जरूरत है। हर्ष फायरिंग जैसी प्रथाएँ न केवल अवैध हैं, बल्कि यह जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। इस घटना के बाद, उम्मीद है कि लोग इस तरह की हानिकारक प्रथाओं से दूर रहेंगे और अपने उत्सवों को सुरक्षित तरीके से मनाएंगे।