लखनऊ: भारतीय दूतावास के एक कर्मचारी, जिन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए कथित रूप से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, को सोमवार को यहाँ की एक अदालत ने 7 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
गिरफ्तारी का कारण
उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने रविवार को कहा कि उसने हापुड़ जिले के शाहमाहीउद्दीनपुर गांव के निवासी सतेंद्र सिवाल को लखनऊ में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। सिवाल 2021 से मास्को में भारतीय दूतावास में IBSA (इंडिया-बेस्ड सिक्योरिटी असिस्टेंट) के रूप में काम कर रहे थे।
गोमतीनगर में ATS पुलिस स्टेशन में 3 फरवरी को सिवाल के खिलाफ IPC की धारा 121A (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की धाराओं 3, 5 और 9 के तहत एक FIR दर्ज की गई।
न्यायिक प्रक्रिया
इस मामले को लेकर चिंता व्यक्त की गई है कि कैसे एक भारतीय दूतावास कर्मचारी विदेशी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने में शामिल हो सकता है। इस घटना ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति चिंता को बढ़ा दिया है।
आगे की जांच में, ATS इस बात की पड़ताल करेगी कि सिवाल ने किस प्रकार की सूचनाएँ ISI को प्रदान कीं और उनकी गिरफ्तारी से भारतीय राजनयिक और सुरक्षा प्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ा है।
इस मामले ने सुरक्षा प्रणालियों में संभावित छेदों की ओर इशारा किया है, और यह उम्मीद की जाती है कि इस घटना के परिणामस्वरूप सुरक्षा उपायों में सुधार होगा। इस बीच, सतेंद्र सिवाल की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत इस बात का संकेत है कि भारतीय प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगा।