पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालिया वर्षों में मोबाइल टावरों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। जम्मू रेंज के अधिकारियों ने इस वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है, जिसे वे भारतीय सीमा के भीतर आतंकवादी घुसपैठ के लिए एक सहायक मानते हैं।
टेलीकम्युनिकेशन टावरों का संदिग्ध उपयोग
जम्मू रेंज के अधिकारियों के अनुसार, इन टावरों के माध्यम से, आतंकवादियों को न केवल संचार में सहायता मिलती है, बल्कि वे भारतीय सीमा के अंदर अपनी गतिविधियों को भी संचालित करने में सक्षम होते हैं। इससे सीमा पर सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती पैदा हो रही है।
यह भी पाया गया है कि ये टावर जम्मू की जेलों तक सिग्नल पहुंचाने में सक्षम हैं, जिससे जेलों में बंद आतंकवादी बाहरी दुनिया के साथ संपर्क में रह सकते हैं। इसके चलते, इन टावरों की स्थापना के पीछे के मकसद पर प्रश्न उठ रहे हैं।
घुसपैठ में वृद्धि का खतरा
यह वृद्धि न केवल सीमा पर सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के प्रयासों को भी बढ़ावा देती है। जब आतंकवादियों के पास बेहतर संचार सुविधाएं होती हैं, तो उनके लिए अपने ऑपरेशनों को और अधिक कुशलतापूर्वक संचालित करना संभव हो जाता है।
इस प्रकार, पाक अधिकृत कश्मीर में टेलीकम्युनिकेशन टावरों की संख्या में इजाफा सीमा पर सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चिंता बना हुआ है। इसके चलते, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस स्थिति पर गहन निगरानी रख रही हैं और आवश्यक कदम उठा रही हैं।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि सीमा पर सुरक्षा की स्थिति को मजबूत करने और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए संचार तंत्र की सख्ती से निगरानी की जरूरत है। इसके लिए सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों को अधिक समन्वित प्रयास करने होंगे।