लंदन (अप्सरा): भारतीय मूल के तंत्रिका विशेषज्ञ (न्यूरोलॉजिस्ट) डॉ. अश्विनी केशवन ब्रिटेन के उस विश्व स्तरीय शोध दल का हिस्सा हैं, जिसे रक्त की जांच के जरिए डिमेंशिया रोग का पता लगाने की दिशा में शोध करने और इस दिशा में अधिक साक्ष्य एकत्र करने का काम सौंपा गया है ताकि इस पद्धति का आगामी पांच साल में और व्यापक तरीके से इस्तेमाल किया जा सके। बता दें कि डिमेंशिया (मनोभ्रंश) ऐसा मस्तिष्क विकार है जिसके कारण याददाश्त कमजोर हो जाती है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) में वरिष्ठ नैदानिक अनुसंधान एवं मानद सलाहकार तंत्रिका विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी केशवन उस टीम का हिस्सा हैं जो अल्जाइमर रोग के लिए सबसे आशाजनक बायोमार्कर ‘पी-टाउ217’ पर ध्यान केंद्रित करेगी। ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं की एक अन्य टीम डिमेंशिया का कारण बनने वाली अलग-अलग प्रकार की बीमारियों का पता लगाने के लिए विभिन्न प्रोटीन के संबंध में परीक्षण करेगी।
ये दोनों टीम नैदानिक तरीकों को किफायती बनाने और इन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) में शामिल किए जाने की उम्मीद के साथ पूरे ब्रिटेन से प्रतिभागियों की भर्ती करेंगी।