डॉ. बी.आर. अंबेडकर के पोते ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) के साथ लोकसभा सीट-साझा वार्ता में भाग लिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गठबंधन को INDIA मार्ग पर नहीं जाना चाहिए। उनका मानना है कि एकजुटता और साझेदारी के मूल्यों को प्रोत्साहित करते हुए अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सभी पार्टियों को मिलकर काम करना चाहिए।
डॉ. अंबेडकर की विरासत
डॉ. अंबेडकर के पोते का मानना है कि उनके दादा की विरासत और शिक्षाओं को आधुनिक राजनीति में भी अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कैसे उनके दादा ने भारतीय समाज में समानता और न्याय के मूल्यों को बढ़ावा दिया। वे चाहते हैं कि MVA इन्हीं मूल्यों को अपनाए और एक सशक्त और समावेशी गठबंधन का निर्माण करे।
गठबंधन के मार्ग पर चिंतन
MVA के साथ वार्ता करते हुए, डॉ. अंबेडकर के पोते ने जोर दिया कि गठबंधन को विभाजनकारी राजनीति से दूर रहना चाहिए और सामूहिक लक्ष्यों के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने सभी पार्टियों को साथ आने और राष्ट्रीय हित में काम करने की अपील की।
एकता में बल
वे मानते हैं कि गठबंधन की शक्ति उसकी एकता में है। उन्होंने बताया कि कैसे विभिन्न पार्टियाँ अपने मतभेदों को भुलाकर और साझा लक्ष्यों के लिए मिलकर काम कर सकती हैं। इससे न केवल राजनीतिक स्थिरता मिलेगी, बल्कि यह लोकतंत्र को भी मजबूत करेगा।
सहयोग और समर्थन का मार्ग
डॉ. अंबेडकर के पोते ने गठबंधन के सदस्यों से सहयोग और समर्थन का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पार्टी को अपने व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर सोचना चाहिए और सामूहिक भलाई के लिए काम करना चाहिए। उनका मानना है कि इससे गठबंधन अधिक मजबूत और प्रभावी बनेगा।
निष्कर्ष में, डॉ. अंबेडकर के पोते की इस पहल को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है जो न केवल MVA को मजबूत करेगा बल्कि भारतीय राजनीति में समानता और समावेशिता के मूल्यों को भी प्रोत्साहित करेगा।