छत्रपति संभाजीनगर (नेहा)- आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण 30 साल की तपस्या और समर्पण का परिणाम है।
संघचालक मोहन भागवत ने यहां दत्ताजी भाले स्मृति समिति कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि पूरा देश राम लला की प्रतिमा स्थापित होने से अभिभूत है। यह 30 साल के संघर्ष के बाद संभव हो पाया। हम 500 सालों से राम जन्मभूमि पर मंदिर चाहते थे। जनता धन दान करने के लिए तैयार थी, और पूरा देश तब भावविभोर हो उठा था, जब जनवरी 2024 में मंदिर का उद्घाटन हुआ।
उन्होंने कहा कि घटनाक्रम को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, जिसमें सामाजिक एकता और धार्मिक भावनाओं की गहराई को दर्शाया गया है। राम मंदिर के निर्माण ने न केवल एक धार्मिक प्रतीक के रूप में उभर कर आया है, बल्कि यह भारतीय समाज में आशा और आध्यात्मिक जागृति का संकेत भी है।
भागवत के अनुसार, यह सब एक ऐतिहासिक ध्येय की पूर्ति है, जिसे देखते हुए आज का भारत अपने गौरवशाली अतीत की ओर लौट रहा है। उनके शब्दों में, “यह केवल एक मंदिर का निर्माण नहीं है बल्कि एक सांस्कृतिक रेनेसां की शुरुआत है, जहां भारत अपने धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान का नया अध्याय लिख रहा है।