दिल्ली: एक नए युग की शुरुआत करते हुए, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार, केंद्र और दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दे दी है। यह समझौता चरण-IV के अंतर्गत बनाए जा रहे पहले तीन कॉरिडोर के लिए है, जिसे सोमवार को जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में घोषित किया गया।
दिल्ली मेट्रो का विस्तार
वर्तमान में, DMRC इस परियोजना के तहत 65.2 किमी लंबे तीन प्राथमिकता वाले कॉरिडोर पर निर्माण कार्य कर रही है, जिसमें कुल 45 स्टेशन शामिल हैं।
इन तीन कॉरिडोरों में जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग (28.92 किमी), मजलिस पार्क-मौजपुर (12.55 किमी), जो कि दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन और पिंक लाइन का विस्तार है, और एयरोसिटी-तुगलकाबाद (23.62 किमी) शामिल हैं, जिसे वायलेट लाइन और एयरपोर्ट लाइन को उनके संबंधित छोरों से जोड़ने के लिए गोल्डन लाइन के रूप में बनाया जा रहा है।
इस नवीनीकरण के साथ, दिल्ली मेट्रो का विस्तार न केवल शहरी परिवहन को नई दिशा देगा, बल्कि यात्रियों के लिए आवागमन को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाएगा। यह परियोजना दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में परिवहन की समस्याओं का समाधान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
मेट्रो की नई दिशा
केजरीवाल सरकार और DMRC के बीच यह समझौता नई दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक पल है। इससे न केवल परिवहन की सुविधा में वृद्धि होगी, बल्कि यह शहरी विकास के नए आयामों को भी खोलेगा।
इस विकास के साथ, दिल्ली मेट्रो न केवल दिल्ली की लाइफलाइन के रूप में अपनी पहचान मजबूत करेगी, बल्कि यह भविष्य में स्थायी और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन के लिए एक उदाहरण भी स्थापित करेगी। यह समझौता दिल्ली के नागरिकों के लिए एक नया अध्याय है, जिसमें उन्हें अधिक तेज़ी और आराम से यात्रा करने की सुविधा मिलेगी।