न्यू यॉर्क: हाल ही में कनाडाई प्राधिकरणों ने मैक्सिको और उत्तरी अमेरिकी देशों के बीच ड्रग तस्करी में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें तीन भारतीय पुरुष शामिल हैं। इस खबर की रिपोर्ट कनाडा स्थित टेलीविज़न चैनल cp24.com ने सोमवार को की।
नशे की गिरफ्त में एनआरआई
आयुष शर्मा, 25 वर्षीय, और गुरअमृत सिधु, 60 वर्षीय, दोनों ब्रैम्पटन से, तथा सुभम कुमार, 29 वर्षीय, कैलगरी से, अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट के तहत गिरफ्तार किए गए थे। यह गिरफ्तारियाँ फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) और रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के बीच एक संयुक्त ऑपरेशन के बाद हुईं।
इस साजिश का विस्तार तीन देशों में फैला था और इसमें मैक्सिको में कार्टेलों से जुड़े ड्रग सप्लायर्स, लॉस एंजिल्स में ड्रग वितरक और दलाल, कनाडाई ट्रक ड्राइवर्स और कनाडा में ड्रग्स के निर्यात के लिए एक नेटवर्क और यहां तक कि मॉन्ट्रियल में इतालवी माफिया का एक सहयोगी शामिल था। यूएस अटॉर्नी मार्टिन एस्ट्राडा ने लॉस एंजिल्स में एक समाचार सम्मेलन के दौरान बोलते हुए यह बात कही।
इस ऑपरेशन के जरिए, प्रशासन ने न केवल अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे विभिन्न देशों के बीच समन्वित प्रयासों से ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है। इस तरह के संयुक्त ऑपरेशन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपराध और नशे के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण होते हैं।
गिरफ्तारी के इस कदम को व्यापक तौर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, क्योंकि यह दिखाता है कि प्राधिकरण अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इस तरह के अभियानों से समाज में नशे के खतरे को कम करने में मदद मिलती है, और युवा पीढ़ी को इस खतरनाक पथ से दूर रखने में सहायता मिलती है।
कुल मिलाकर, इस घटना ने न केवल एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि विभिन्न देशों की सरकारें किस तरह से साथ मिलकर इस तरह के अपराधों से लड़ सकती हैं। इस तरह के प्रयासों से विश्व समुदाय को एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाने में मदद मिलती है।