देशभर में लोकसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो गई है, जिसमें 21 राज्यों की 102 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया का आज अंतिम दिन है। 20 मार्च को शुरू हुए इस महत्वपूर्ण चरण में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों ने अपनी ताकत और रणनीति के साथ मैदान में कदम रखा है।
नामांकन की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियां
चुनाव आयोग के अनुसार, नामांकन पत्रों की जांच 28 मार्च को की जाएगी, जिसके बाद उम्मीदवार 30 मार्च तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। यह प्रक्रिया चुनावी दौड़ में शामिल होने वाले प्रत्याशियों के लिए अंतिम मौका प्रदान करती है।
इस दौरान, तमिलनाडु, राजस्थान, और मध्य प्रदेश सहित 21 राज्यों की 102 सीटों पर उम्मीदवारों के नामांकन की गहमागहमी देखी गई। तमिलनाडु से 39, राजस्थान से 12 और मध्य प्रदेश से 6 सीटों पर चुनावी मुकाबला कड़ा होने का अनुमान है।
वोटिंग की तारीख और विशेष परिस्थितियां
19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा, जिसमें लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। चुनाव आयोग ने इस संबंध में 16 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावी तारीखों का ऐलान किया था।
बिहार में होली के उत्सव के कारण नामांकन की प्रक्रिया में विशेष परिवर्तन किया गया है। यहाँ, नामांकन की अंतिम तिथि 28 मार्च निर्धारित की गई है, जबकि स्क्रूटनी का कार्य 30 मार्च को संपन्न होगा। बिहार के प्रत्याशी 2 अप्रैल तक अपना नाम वापस ले सकते हैं, जिससे उन्हें अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का समय मिलेगा।
इस चरण में नामांकन की समाप्ति के साथ ही, चुनावी माहौल में तेजी आई है। राजनीतिक दल और उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के लिए जनता के बीच अपने वादों और योजनाओं को प्रचारित करने में लगे हैं।
चुनावी रणनीति और प्रचार
प्रत्येक दल अपने अनूठे तरीके से मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कमर कस रहा है। डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार जोरों पर है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाएँ और दौरे भी अहम रणनीति का हिस्सा हैं।
नामांकन प्रक्रिया की समाप्ति ने चुनावी प्रक्रिया के अगले चरण के लिए राह तैयार कर दी है। आगामी दिनों में, उम्मीदवारों और उनके समर्थकों द्वारा जनसंपर्क अभियानों में तेजी लाई जाएगी, ताकि मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।
इस पूरे चुनावी माहौल में एक बात स्पष्ट है कि लोकतंत्र के इस महोत्सव में हर पक्ष अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत से जुटा है। चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों की ओर से स्वच्छ और नैतिक चुनाव प्रचार की उम्मीद की जा रही है।
मतदान की तैयारी और सुरक्षा
चुनावी प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरण में, मतदान केंद्रों पर सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारियाँ की जा रही हैं। चुनाव आयोग ने मतदाताओं के सुगम और सुरक्षित मतदान की गारंटी देने के लिए कड़े उपायों की घोषणा की है।
मतदान स्थलों पर स्वास्थ्य और सफाई के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा, ताकि मतदान की प्रक्रिया कोविड-19 महामारी के संदर्भ में सुरक्षित रूप से संपन्न हो सके।
मतदाताओं की भूमिका और जिम्मेदारी
इस चुनावी पर्व में मतदाताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए देश के भविष्य की दिशा निर्धारित करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों पर सभी सुविधाएँ मुहैया कराने की योजना बनाई है, ताकि मतदान प्रक्रिया में कोई भी मतदाता वंचित न रहे।
चुनावी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के प्रचार अभियानों के बीच, मतदाताओं के समक्ष अपने अधिकारों का सही प्रयोग करने और जागरूक निर्णय लेने की चुनौती होती है।
नामांकन का अंतिम दौर: 21 राज्यों में 102 सीटों की दौड़
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