चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावलिया ने बुधवार को चार सूचना प्रौद्योगिकी पहलों का उद्घाटन किया, जिसमें हाईकोर्ट और सभी जिला अदालतों में हाइब्रिड वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग शामिल है।
न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावलिया ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ यू.टी. में उच्च न्यायालय और सभी जिला न्यायालयों में हाइब्रिड वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग, हाईकोर्ट परिसर में नि:शुल्क सार्वजनिक वाई-फाई, जिला न्यायालयों के लिए एक इन्वेंट्री प्रबंधन सॉफ्टवेयर (आईएमएस) और तटस्थ संदर्भ चरण-I (क्यूआर कोड) नामक चार आईटी पहलों का शुभारंभ किया।
तकनीकी पहल की नई दिशा
न्यायमूर्ति लिसा गिल, जो कंप्यूटर समिति की अध्यक्ष हैं…
ये पहलें न केवल न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाएगी बल्कि आम जनता और वकीलों के लिए न्यायालय सेवाओं तक पहुँच को भी बेहतर बनाएगी। हाईकोर्ट परिसर में नि:शुल्क वाई-फाई सुविधा से लोगों को इंटरनेट तक आसान पहुँच प्रदान की जाएगी, जो कि आज के डिजिटल युग में महत्वपूर्ण है।
इन्वेंट्री प्रबंधन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके, जिला न्यायालय अपने संसाधनों का प्रबंधन अधिक कुशलता से कर सकेंगे। यह सॉफ्टवेयर न्यायालय के संसाधनों की निगरानी, उपयोग और रख-रखाव में मदद करेगा, जिससे संसाधनों का उपयोग अधिक प्रभावी और आर्थिक रूप से किया जा सकेगा।
तटस्थ संदर्भ चरण-I (क्यूआर कोड) के शुभारंभ के साथ, न्यायिक दस्तावेज़ों और निर्णयों की पहुँच और भी सुगम हो जाएगी। इसके जरिए, वकीलों और नागरिकों को महत्वपूर्ण न्यायिक दस्तावेज़ों तक त्वरित पहुँच मिल सकेगी, जिससे न्याय प्रक्रिया में गति और पारदर्शिता आएगी।
इन आईटी पहलों के शुभारंभ के साथ, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने न्यायिक प्रक्रिया को डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। यह न केवल न्यायिक कार्यवाही को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाएगा बल्कि यह नागरिकों को न्यायिक प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेने की क्षमता भी प्रदान करेगा।
न्यायमूर्ति संधावलिया ने इस अवसर पर कहा, “ये पहलें न्याय प्रणाली को अधिक जवाबदेह और प्रतिस्पर्धी बनाने के हमारे प्रयास का एक हिस्सा हैं। हम आम जनता को न्यायिक सेवाओं तक आसान पहुँच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इन पहलों की सफलता न्यायिक प्रक्रिया के डिजिटलीकरण में एक नए युग की शुरुआत करेगी, जो न केवल न्यायिक कार्यवाही को तेज करेगी बल्कि इसे अधिक समझदारी और पारदर्शिता के साथ संचालित करने में मदद करेगी। इस प्रकार, न्याय की दिशा में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल एक महत्वपूर्ण पथ प्रदर्शक सिद्ध होगा।
इस पहल के माध्यम से, न्यायिक प्रणाली में आधुनिकीकरण और सुधार की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। इससे न्यायालय की प्रक्रियाओं में सुधार होगा और न्याय के प्रति आम जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।
न्यायालय की इन आईटी पहलों से न केवल न्यायिक सेवाओं का विस्तार होगा बल्कि यह नागरिकों को न्यायिक प्रणाली के प्रति अधिक जागरूक और सशक्त बनाएगी। इससे न्याय प्रक्रिया में सहभागिता और सकारात्मक परिवर्तन की नई संभावनाएँ खुलेंगी।
आगे बढ़ते हुए, न्यायालय इन पहलों की सफलता और प्रभाव का मूल्यांकन करते हुए, अधिक आधुनिक तकनीकों और सुविधाओं को अपनाने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावलिया और उनकी टीम के इन प्रयासों की सराहना की जा रही है, जिससे न्यायिक प्रणाली में आधुनिकीकरण और सुधार की नई दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चार आईटी पहल का शुभारंभ
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