पंजाब, जिसकी 13 लोकसभा सीटें हमेशा से राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई हैं, वर्तमान में एक राजनीतिक परिवर्तन की दहलीज पर खड़ा है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ एक सिलसिलेवार हमला शुरू किया है। इस संदर्भ में, ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण ने एक नई चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें यह जानने की कोशिश की गई है कि अगर आज पंजाब में चुनाव हों तो किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी।
पंजाब की राजनीतिक चुनौतियां और संभावनाएं
आम आदमी पार्टी, जो चंडीगढ़ में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत कर रही है, और कांग्रेस, जिसने भाजपा के खिलाफ अपने हमले तेज कर दिए हैं, दोनों ही पंजाब की राजनीतिक दौड़ में मुख्य दावेदार हैं। ‘मूड ऑफ द नेशन’ कार्यक्रम में हुई चर्चा से पता चलता है कि पंजाब की जनता का मिजाज किस ओर झुक रहा है।
इस सर्वेक्षण के अनुसार, अगर आज पंजाब में चुनाव हों तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों को ही सीटों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़त मिल सकती है। भाजपा, जो पिछले कुछ समय से राज्य में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है, को इस चुनावी रण में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
पंजाब की राजनीतिक गलियारों में इस समय जो सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न उठ रहा है, वह यह है कि क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अपने वादों और नीतियों के जरिए पंजाब की जनता का विश्वास जीत पाएंगे? और क्या भाजपा अपनी रणनीतियों के माध्यम से एक नई छवि बनाने में सफल होगी?
अंततः, पंजाब की राजनीतिक भूमिका इस बात पर निर्भर करेगी कि आगामी चुनावों में इन पार्टियों को कितनी सीटें मिलती हैं। ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण के परिणाम ने इस बात की ओर इशारा किया है कि पंजाब की जनता एक बदलाव की ओर देख रही है, लेकिन यह बदलाव किस रूप में आएगा, यह तो वक्त ही बताएगा।