पंजाब के लुधियाना शहर के ईसड़ू भवन में, बलबीर सिंह राजेवाल की अध्यक्षता में, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में, 37 विभिन्न जत्थेबंदियों ने भाग लिया और एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान, किसान नेता राजेवाल ने घोषणा की कि 22 फरवरी तक पंजाब के सभी टोल प्लाजा बंद रखे जाएंगे।
पंजाब में विरोध प्रदर्शन
इस फैसले के पीछे की प्रमुख वजह भाजपा के बड़े नेताओं के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन को तीव्रता प्रदान करना है। राजेवाल ने आगे कहा कि वे भाजपा नेताओं के घरों का घेराव करेंगे। इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा करना और उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाना है।
किसान संगठनों का यह कदम उनकी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए उठाया गया है। इस विरोध प्रदर्शन से पंजाब के विभिन्न भागों में आवाजाही में बाधा उत्पन्न हो सकती है, परंतु किसान नेताओं का कहना है कि उनकी लड़ाई न्यायसंगत है और वे अपने हक के लिए लड़ रहे हैं।
इस बैठक में लिए गए निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि किसान संगठन सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनका यह कदम राजनीतिक दलों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि किसानों के हितों की अनदेखी नहीं की जा सकती।
पंजाब के टोल प्लाजा बंद रखने के इस निर्णय से, निश्चित रूप से, सामान्य जनजीवन पर प्रभाव पड़ेगा। परन्तु किसान संगठनों का मानना है कि यह कुछ समय के लिए असुविधा का कारण बन सकता है, लेकिन लंबी अवधि में इससे उनके मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
किसान नेताओं का यह कदम न केवल पंजाब में बल्कि सम्पूर्ण भारत में किसान आंदोलनों की नई दिशा और गति प्रदान कर सकता है। यह घटनाक्रम सरकार के साथ उनकी बातचीत में एक नया मोड़ ला सकता है, जिससे किसानों की मांगों को और अधिक बल मिल सकता है।