पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से शिक्षक भर्ती के प्रश्न पत्र के “रिसाव” के संबंध में “ठोस सबूत” मांगे हैं। इसकी जानकारी सोमवार को जारी एक बयान में दी गई है।
बीपीएससी ने कहा है कि ठोस सबूत मिलने और समीक्षा के बाद ही, “इस वर्ष 15 मार्च को आयोजित परीक्षाओं पर आयोग द्वारा निर्णय लिया जाएगा।”
ठोस सबूत की मांग
बयान में कहा गया है, “शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई)-3 के कथित प्रश्न पत्र रिसाव के संबंध में ईओयू की रिपोर्ट, जो बीपीएससी को सौंपी गई थी, में परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र के कथित रूप से रिसाव को साबित करने के लिए ठोस सबूत नहीं थे।”
आयोग ने आगे कहा है कि वह इस मामले में पुलिस की ओर से ठोस साक्ष्य प्राप्त होने का इंतजार कर रहा है। ठोस सबूत के आधार पर ही कोई कदम उठाया जाएगा।
पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने इस संबंध में कई संदिग्धों से पूछताछ की है और जांच जारी है।
इस मामले ने राज्य के शैक्षणिक माहौल में हलचल मचा दी है। छात्र समुदाय और शिक्षक इस घटना से चिंतित हैं।
बीपीएससी का कहना है कि वह शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की पवित्रता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग किसी भी तरह के अनुचित तरीकों और रिसावों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को तैयार है।
इस घटना का निर्णय आने तक, छात्रों और अभ्यर्थियों में उत्सुकता और चिंता का माहौल है। वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
इस प्रकार, बिहार लोक सेवा आयोग की इस मांग ने परीक्षा पत्र रिसाव के मामले में एक नई दिशा दिखाई है। ठोस सबूतों की तलाश में जांच अभी भी जारी है।