इस्लामाबाद (उपासना): पाकिस्तानी संसद में गत दिवस एक गरमागरम बहस के दौरान, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पूर्व सैन्य तानाशाह अयूब खान के शव को कब्र से निकालने और उन्हें फांसी देने की मांग की। इस बहस में तीखे और विषाक्त तर्क शामिल थे। आसिफ का कहना है कि अयूब खान ने संविधान को निरस्त कर दिया था।
विपक्ष के नेता ओमर अयूब खान, जो पूर्व सैन्य तानाशाह अयूब खान के पोते हैं, ने सेना के प्रवक्ता मेजर-जनरल अहमद शरीफ चौधरी की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस को सेना द्वारा राजनीति में हस्तक्षेप करार देते हुए कड़ी आलोचना की।
ख्वाजा आसिफ ने कहा, “सुरक्षा एजेंसियों को संविधान के अनुसार राजनीति में शामिल होने की अनुमति नहीं है। वे राज्य के औजार हैं, राज्य स्वयं नहीं।” उनका यह बयान सेना के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ एक स्पष्ट चेतावनी के रूप में देखा गया।
इस घटना के बाद, पाकिस्तानी राजनीति में एक नया तूफान खड़ा हो गया है, जिसमें कई राजनेता और समाज के सदस्य इस बयान का समर्थन और विरोध कर रहे हैं।