कोलकाता (नेहा):कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सीबीआई के बाद अब ईडी भी संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की जांच करेग। बता दें कि ईडी ने ईसीआर, सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ही दर्ज की हैं। इससे पहले कोलकाता रेप-मर्डर मामले और आरजी कर हॉस्पिटल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई की टीम अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के घर जाकर पूछताछ कर चुकी ह। इसके अलावा, चार और ठिकानों पर भी सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच छापेमारी कर चुकी है। इनमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी के डेमोस्ट्रेटर डॉ देबाशीष सोम का घर भी शामिल थी।
हाल ही में सीबीआई की एक टीम डॉ. संदीप घोष के आवास पर पहुंची थी तो, दूसरी टीम आरजी कर में फोरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. देबाशीष सोम के आवास पर और तीसरी टीम आरजी कर अस्पताल के पूर्व एमएसवीपी संजय वशिष्ठ के आवास पर पहुंची थी। सीबीआई की एंटी-करप्शन ब्रांच ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रशासनिक ब्लॉक में पहुंचकर छानबीन की थी।
9 अगस्त की रात हुई दर्दनाक घटना के बाद, संजय रॉय की गिरफ्तारी और उससे हुई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। वारदात के बाद संजय रॉय ने जो किया, उसने पुलिस को कई सवालों में उलझा दिया है, पूछताछ के बाद सामने आई जानकारी के मुताबिक, वारदात के बाद संजय रॉय सीधे फोर्थ बटालियन गया और वहां जाकर सो गया। 10 अगस्त की सुबह जब वह उठा, तो उसने फिर से शराब पी और वापस सो गया। पुलिस को शक होने पर उन्होंने अस्पताल के सेमिनार हॉल के आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इन फुटेज में संजय रॉय की गतिविधियों के साथ-साथ अन्य लोगों की भी पहचान की गई।