पैरिस (उपासना)- फ्रांस की राजधानी पेरिस में सोमवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन हुआ। उनके दो दिवसीय फ्रांस दौरे के दौरान यह प्रदर्शन तिब्बती समर्थकों द्वारा किया गया था। विरोध प्रदर्शन में ‘फ्री तिब्बत’ के बैनर के साथ झंडे भी फहराए गए, जिससे राष्ट्रपति जिनपिंग के काफिले का मार्ग प्रभावित हुआ।
यह विरोध तिब्बत की आजादी की लंबे समय से चली आ रही मांग का हिस्सा है। 1951 में चीन द्वारा तिब्बत पर जबरन कब्जा किए जाने के बाद से ही तिब्बती लोग और समर्थक इसके खिलाफ विश्व मंच पर आवाज उठा रहे हैं। इस बार भी प्रदर्शनकारियों ने तिब्बत की आजादी की मांग को बुलंद किया।
इसके अलावा, उइगर मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने भी जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने चीन में मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप लगाया और इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उठाने का प्रयास किया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान, फ्रांसीसी पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। ‘स्टूडेंट्स फॉर ए फ्री तिब्बत’ (SFT) नामक संगठन के दो कार्यकर्ता, जो इस प्रदर्शन का हिस्सा थे, को हिरासत में लिया गया। ये कार्यकर्ता चीन के खिलाफ बैनर और झंडे फहरा रहे थे, जिससे उन्हें गिरफ्तार किया गया।
इस घटना के बाद से इंटरनेशनल कम्युनिटी का ध्यान इस ओर और भी अधिक आकर्षित हुआ है। तिब्बत और उइगर समुदायों के समर्थन में विश्वभर से आवाजें उठ रही हैं, और इस विरोध प्रदर्शन ने उसे नई ताकत प्रदान की है।