बस्तर लोकसभा सीट के लिए चुनावी मैदान में नाम वापसी के लिए निर्धारित आज का दिन अंतिम है। इस प्रतिष्ठित सीट के लिए कुल 12 प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी पेश की, जिसमें से 28 मार्च को हुए स्क्रूटनी के दौरान एक प्रत्याशी का नामांकन अस्वीकृत कर दिया गया। इसके फलस्वरूप, अब केवल 11 प्रतियोगी ही चुनावी दौड़ में शामिल हैं।
नामांकन प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण
इस चुनावी समर में, मुख्य राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा के साथ-साथ BSP, CPI, हमर राज पार्टी, और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी अपनी चुनौती पेश की। सभी 12 प्रत्याशियों ने कुल 18 नामांकन पत्र जमा किये थे, जिनकी 28 मार्च को स्क्रूटनी की गई थी। स्क्रूटनी में, 11 पत्रों को सही पाया गया जबकि एक प्रत्याशी का नामांकन पत्र अस्वीकृत कर दिया गया।
चुनावी मैदान की तैयारियां
बस्तर लोकसभा सीट के लिए यह चुनाव न केवल प्रत्याशियों के लिए बल्कि मतदाताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। जहां एक ओर प्रत्याशियों ने अपने नामांकन के माध्यम से चुनावी रण में अपनी दावेदारी पेश की है, वहीं आज के दिन के अंत तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि वास्तव में कितने प्रत्याशी इस चुनावी दौड़ में अपना दावा ठोकेंगे।
चुनावी यात्रा में अब तक, प्रत्याशियों ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी नीतियां और विचार व्यक्त किए हैं। मतदाता, जो इस चुनावी रणनीति के केंद्र में हैं, अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए तैयार हैं।
इस चुनावी माहौल में, जहां एक ओर उत्साह और प्रतिस्पर्धा का वातावरण है, वहीं दूसरी ओर मतदाता भी अपने वोट के महत्व को समझते हुए चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करने के लिए उत्साहित हैं। अंततः, बस्तर लोकसभा सीट के लिए यह चुनाव न केवल एक राजनीतिक प्रतियोगिता है बल्कि यह मतदाताओं के लिए भी एक अवसर है कि वे अपने भविष्य को आकार देने में एक निर्णायक भूमिका निभाएं।