मुंबई: शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क इक्विटी सूचकांकों में गिरावट देखी गई, जिससे पिछले दो दिनों की रैली का समापन हो गया। इस गिरावट का मुख्य कारण आईटी शेयरों में आई कमजोरी, एशियाई बाजारों से नकारात्मक संकेत और लगातार हो रहे विदेशी फंडों का बहिर्वाह रहा।
30-शेयर वाले बीएसई सेंसेक्स में 413.36 अंकों की गिरावट आई और यह 72,227.83 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 86.8 अंक गिरकर 21,925.15 पर बंद हुआ।
आईटी क्षेत्र में मंदी
सेंसेक्स की टोकरी से, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और टाटा मोटर्स प्रमुख गिरावट वाले शेयर रहे।
इस बीच, एशियाई बाजारों से भी कमजोर संकेत मिल रहे थे, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गईं। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार फंडों का बहिर्वाह भी बाजार की धारणा पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा था।
विश्लेषकों का मानना है कि आईटी क्षेत्र में आई इस मंदी का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर तकनीकी शेयरों में आई कमजोरी है। विशेष रूप से, अमेरिकी बाजारों में टेक्नोलॉजी शेयरों की हालिया गिर वट ने भारतीय बाजारों पर भी अपना असर दिखाया है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं और उच्च मुद्रास्फीति दर भी निवेशकों के विश्वास को कमजोर कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, विदेशी फंडों का बाजार से निकलना निवेशकों की चिंताओं को और बढ़ा रहा है।
एक अन्य प्रमुख कारण जो बाजार को प्रभावित कर रहा है, वह है एशियाई बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेत। चीन और जापान जैसे प्रमुख एशियाई बाजारों में देखी गई मंदी ने भारतीय बाजारों पर भी अपनी छाप छोड़ी है।
भारतीय बाजारों पर असर
इस गिरावट का सीधा असर निवेशकों की धारणा पर पड़ रहा है। बाजार में निवेशकों की सतर्कता बढ़ी है, और वे निवेश के नए अवसरों की तलाश में हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को इस समय में अधिक सजग रहने की आवश्यकता है और बाजार की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।
इसके अलावा, बाजार विश्लेषक यह भी सलाह दे रहे हैं कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और जोखिम को कम करने के लिए विविधीकरण की रणनीति अपनानी चाहिए।
बाजार की इस गिरावट के बावजूद, कुछ विश्लेषक इसे नई खरीदारी के अवसरों के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि कुछ क्षेत्रों में
अभी भी वृद्धि की संभावनाएं बनी हुई हैं, खासकर जिन क्षेत्रों में तकनीकी विकास और नवाचार के माध्यम से मूल्य सृजन हो रहा है। इसमें हेल्थकेयर, नवीकरणीय ऊर्जा, और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जो भविष्य की मांगों को पूरा करने की क्षमता रखते हैं।
विश्लेषक यह भी बताते हैं कि बाजार में गिरावट अक्सर उन शेयरों को खरीदने का एक अवसर प्रदान करती है जिनका मूल्यांकन उनकी वास्तविक क्षमता की तुलना में कम होता है। इस प्रकार, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए, यह उचित मूल्य पर गुणवत्ता वाले शेयरों को खरीदने का समय हो सकता है।
फिर भी, बाजार की वर्तमान अस्थिरता के मद्देनजर, विशेषज्ञ निवेशकों को सावधानी बरतने और उच्च जोखिम वाले निवेशों से बचने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, वे निवेशकों को अपने निवेश के निर्णयों को व्यापक शोध और संयमित विश्लेषण पर आधारित करने की सिफारिश करते हैं।
बाजारों में गिरावट: आईटी शेयरों और एशियाई रुझानों ने खींची लकीर
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