नई दिल्ली (हेमा): लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के मध्य कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने ऐसा बयान दे दिया है, जिस को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है। छत्तीसगढ़ में सरगुजा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी चिंतामणी महाराज की नामांकन रैली के दौरान मंत्री नेतमा ने भाजपा का विरोध करने वालों को जहां राक्षस बताया, वहीं कहा कि पीएम मोदी का विरोध करना मतलब भगवान श्रीराम का विरोध करना है। चाहे कोई कुछ भी करले , भाजपा 400 पार होकर रहेगी।
इसी बीच कृषि मंत्री राम विचार नेताम के इस बयान को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों ने भी अपनी राय व्यक्त की है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान भावनात्मक राजनीति को बढ़ावा देने का प्रयास है, जिससे विशेष धार्मिक समुदाय के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके। हालांकि, इस तरह के बयान से विवाद भी उत्पन्न होता है जो कभी-कभी वोटरों के एक वर्ग को नाराज भी कर सकता है।
इतना ही नहीं इस बयान के सामने आने के बाद, सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रियाएं भी तेजी से सामने आईं। कुछ लोगों ने मंत्री के बयान का समर्थन किया, जबकि अन्य ने इसे अनुचित और विभाजनकारी बताया। विवादास्पद बयानों का इस्तेमाल अक्सर चुनावी अभियानों में देखा जाता है, जो जनता के एक हिस्से को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।
इस प्रकरण ने न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी चर्चा को जन्म दिया है। आलोचकों का कहना है कि धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल राजनीति में नहीं होना चाहिए, जबकि समर्थकों का मानना है कि यह भारतीय संस्कृति और धार्मिक विश्वासों का एक हिस्सा है जो राजनीति में अपनी जगह रखता है।