भारतीय सीमा शुल्क विभाग की एक बड़ी कार्रवाई में, महाराष्ट्र के न्हावा शेवा पोर्ट से चीन के लिए अवैध रूप से स्मगल किए जा रहे लगभग 28 लाख मोर पंख जब्त किए गए हैं। इस अवैध गतिविधि का खुलासा बुधवार को हुआ, जब डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की मुंबई जोनल यूनिट ने एक एंटी-स्मगलिंग ऑपरेशन चलाया।
भारत से चीन की ओर
कार्गो शिप की जांच में, जिसे ‘कॉयर से बने डोर मैट’ के रूप में घोषित किया गया था, वास्तव में 28 लाख मोर पंख और 16000 मोर पंखों के तने पाए गए। इस खुलासे ने सीमा शुल्क विभाग को चौंका दिया। इस अवैध निर्यात का मुख्य उद्देश्य चीन में मोर पंखों की भारी मांग को पूरा करना था।
इस ऑपरेशन को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 110 के तहत अंजाम दिया गया। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत मोर पंखों का निर्यात प्रतिबंधित है, जिसके कारण यह मामला और भी गंभीर हो जाता है। जब्त किए गए मोर पंखों की बाजार में कीमत लगभग 2.01 करोड़ रुपये आंकी गई है।
डीआरआई ने बताया कि एक्सपोर्टर ने अवैध निर्यात में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। उसे गिरफ्तार करके एसीएमएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मामले में आगे की जांच जारी है, जिससे इस तस्करी नेटवर्क के अन्य संभावित सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी संभव हो सके।
इस घटना ने न केवल भारत-चीन के बीच अवैध व्यापार की ओर ध्यान आकर्षित किया है बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वन्यजीव उत्पादों की मांग इन गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। इस बड़े पैमाने पर स्मगलिंग के खुलासे ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता और सख्त कार्रवाई की मांग की है।