नई दिल्ली (राघव): भारत सरकार ने एसएमएस (SMS) के जरिये जालसाजी पर नकेल कसते हुए पिछले तीन माह में 10,000 से अधिक धोखाधड़ी संदेश भेजने में इस्तेमाल किए गए एसएमएस हेडर के पीछे की आठ ‘प्रमुख इकाइयों’ को काली सूची में डाल दिया है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, दूरसंचार विभाग (DoT) ने गृह मंत्रालय (MHA) के सहयोग से ‘संचार साथी’ पहल के जरिये नागरिकों को संभावित एसएमएस धोखाधड़ी से बचाने के लिए 8 इकाइयों के खिलाफ यह निर्णायक कार्रवाई की है।
इसके साथ ही विभाग ने चेतावनी दी कि टेलीमार्केटिंग गतिविधियों के लिए मोबाइल नंबरों के उपयोग की अनुमति नहीं है। यदि कोई उपभोक्ता प्रचारात्मक संदेश भेजने के लिए अपने टेलीफोन कनेक्शन का इस्तेमाल करता है, तो पहली शिकायत पर उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा और उसका नाम एवं पता दो साल की अवधि के लिए काली सूची में डाला जा सकता है।
बयान के मुताबिक, 8 प्रमुख संस्थाओं के साथ उनके स्वामित्व वाले 73 एसएमएस हेडर और 1,522 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट को भी काली सूची में डाल दिया गया है। अब इनमें से किसी भी प्रमुख संस्था, एसएमएस हेडर या टेम्पलेट का इस्तेमाल एसएमएस भेजने के लिए नहीं किया जा सकता है। दूरसंचार विभाग ने इन संस्थाओं को काली सूची में डालकर नागरिकों के संभावित उत्पीड़न को रोका है, और साइबर अपराध के खिलाफ नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।