मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को मराठा समुदाय के कुनबी रिकॉर्ड की जांच के लिए पिछले वर्ष स्थापित संदीप शिंदे समिति को 30 अप्रैल तक का समय विस्तार दिया।
समिति की स्थापना 7 सितंबर, 2023 को की गई थी।
आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांग पर, जिन्होंने मांग की थी कि मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिए जाएं (ताकि वे ओबीसी कोटा का लाभ उठा सकें), सरकार ने कहा था कि वे मराठा, जो पुराने रिकॉर्ड पेश कर सकते हैं जहां वे या उनके पूर्वजों को कुनबी-मराठा के रूप में पहचाना गया है, उन्हें ऐसे प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
मराठा आरक्षण: एक नज़र में
महाराष्ट्र सरकार ने समिति को और समय दिया है ताकि वे मराठा समुदाय के कुनबी रिकॉर्ड का अधिक सूक्ष्मता से अध्ययन कर सकें। यह निर्णय विशेष रूप से उन मराठा समुदाय के लोगों के लिए लाभकारी होगा जो ओबीसी कोटे का लाभ उठाने के इच्छुक हैं।
संदीप शिंदे समिति का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि मराठा समुदाय के उन सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र मिले, जिनके पास पुराने रिकॉर्ड हैं जो उन्हें कुनबी-मराठा के रूप में पहचानते हैं। यह प्रक्रिया उन्हें ओबीसी कोटा के अंतर्गत आरक्षण का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगी।
इस विस्तार के साथ, समिति को अब अपनी जांच और अध्ययन को पूरा करने के लिए अधिक समय मिल गया है, जिससे उन्हें मराठा समुदाय के उन सदस्यों की पहचान करने में मदद मिलेगी जो इस कोटे के लिए पात्र हैं।
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम मराठा समुदाय के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिन्हें अब ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण के लाभों का उपयोग करने का एक और मौका मिला है। इस विस्तार से समिति को अपने कार्य को अधिक सटीकता और विस्तार से पूरा करने में मदद मिलेगी।