नई दिल्ली (उपासना)- कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई भी पीड़िता आगे नहीं आई और उनके पास पहुंची एक महिला शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे जनता दल (सेक्युलर) नेता के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था। आयोग ने गुरुवार (9, मई) को यह जानकारी दी।
एनसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘संबंधित अधिकारियों के समय पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने से कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) समिति का गठन किया गया है।एटीआर से पीड़ितों के यौन शोषण की शिकायतों के आधार पर दो मामलों के पंजीकरण का संकेत मिलता है। इसके साथ ही एक रिश्तेदार की ओर से अपहरण के लिए दायर एक अतिरिक्त शिकायत भी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी पीड़िता आयोग में शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आई है।
आयोग ने दावा किया, ‘‘एक महिला शिकायतकर्ता तीन व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए आयोग में आई थी। इस महिला ने खुद को कर्नाटक पुलिस अधिकारी के रूप में कथित तौर पर पेश किया और उन पर इस मामले में झूठी शिकायत देने के लिए दबाव डाला गया। महिला ने बताया कि उसे कई फोन नंबरों से कॉल कर शिकायत करने की धमकी दी जा रही है। पीड़िता ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है।’’
इसके अलावा एक अन्य घटनाक्रम में आयोग ने कहा कि ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने वाली 700 महिलाएं एक सामाजिक कार्यकर्ता समूह से जुड़ी हैं और मामले में मुख्य शिकायतकर्ता के साथ उनका कोई प्रत्यक्ष जुड़ाव या संबंध नहीं है। आयोग ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘एनसीडब्ल्यू बताना चाहेगा कि प्रज्वल रेवन्ना मामले में 700 महिलाओं ने एनसीडब्ल्यू को कोई शिकायत नहीं दी है। कुछ मीडिया चैनल इस संबंध में गलत खबर चला रहे हैं।’’