बांदा शहर के निकटवर्ती गाँव बांधा के पुरवा की निवासी, सुनैना यादव, की एक असामान्य मेडिकल समस्या ने मेडिकल जगत को चकित कर दिया है। सुनैना पिछले दो वर्षों से गॉल ब्लैडर स्टोन की शिकायत से जूझ रही थीं। उनके परिवार ने उन्हें कई डॉक्टरों को दिखाया और विभिन्न स्थानों पर इलाज करवाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
महिला के गॉल ब्लैडर से निकले 300 पथरी
आखिरकार, परिजनों ने सुनैना को बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाने का निर्णय लिया। यहाँ, सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉक्टर अनूप सिंह ने उनका मामला संभाला। डॉक्टर सिंह और उनकी टीम ने सुनैना के गॉल ब्लैडर में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में पथरी की उपस्थिति की पहचान की।
सर्जरी के दौरान, डॉक्टर अनूप सिंह और उनकी टीम को एक अप्रत्याशित चुनौती का सामना करना पड़ा। सुनैना के गॉल ब्लैडर से अविश्वसनीय रूप से 300 से अधिक पथरी निकलीं। यह खोज न केवल चिकित्सा टीम के लिए बल्कि पूरे मेडिकल समुदाय के लिए भी चौंकाने वाली थी।
डॉक्टर अनूप सिंह का कहना है, “इतनी बड़ी संख्या में पथरी का होना दुर्लभ है।” उन्होंने आगे बताया कि गॉल ब्लैडर स्टोन के मामले आम हैं, लेकिन सुनैना का मामला असामान्य था। इस प्रकरण ने गॉल ब्लैडर स्टोन के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद की है।
सुनैना के सफल ऑपरेशन के बाद, उनके परिवार ने राहत की सांस ली। सुनैना की हालत में सुधार हुआ है, और वह अब धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही हैं। इस घटना ने न केवल सुनैना और उनके परिवार को बल्कि पूरे समुदाय को भी चिकित्सा जांच के महत्व के प्रति जागरूक किया है।
इस असाधारण मामले ने चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है। यह घटना यह दर्शाती है कि कैसे असामान्य चिकित्सा मामले डॉक्टरों और रोगियों को नई चुनौतियों का सामना करने और उनसे सीखने का अवसर प्रदान करते हैं।