नई दिल्ली: 2024-25 में महिला कल्याण के लिए समर्पित बजट में 38.6 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है, जो सात मंत्रालयों और विभागों द्वारा आवंटन में वृद्धि का परिणाम है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
जेंडर बजट में वृद्धि
मंत्रालय के अनुसार, सरकार के विभागों ने 2024-25 के लिए जेंडर बजट विवरण (बजट अनुमान) में कुल 3.09 लाख करोड़ रुपये की रिपोर्ट की है, जो 2023-24 में 2.23 लाख करोड़ रुपये थी।
“43 मंत्रालयों/विभागों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 2024-25 के जेंडर बजट विवरण (बजट अनुमान) में कुल 3.09 लाख करोड़ रुपये की रिपोर्ट की है, जो 2023-24 में 2.23 लाख करोड़ रुपये थी,” मंत्रालय के बयान में कहा गया है।
इस वृद्धि को महिलाओं के कल्याण के प्रति सरकार की बढ़ती प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है। विशेषकर, जब यह वृद्धि सात मंत्रालयों और विभागों के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
आवंटन में वृद्धि के प्रभाव
इस वृद्धि से विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के लिए संचालित कार्यक्रमों और परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उन्हें समाज में अधिक सशक्त और समान अवसर प्रदान किए जाएंगे।
महिलाओं के कल्याण के लिए आवंटित बजट में इस प्रकार की वृद्धि, देश में लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इससे समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
इस बजट वृद्धि से संबंधित मंत्रालयों और विभागों को महिलाओं के लिए नई परियोजनाओं और कार्यक्रमों को डिजाइन और कार्यान्वित करने में मदद मिलेगी। इससे देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में नई ऊर्जा का संचार होगा।
सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए, समाजसेवी संगठनों और महिला अधिकार समूहों ने इसे महिलाओं के लिए एक सकारात्मक विकास बताया है। उनका मानना है कि इससे महिलाओं की आवाज को और अधिक मजबूती मिलेगी।
समाज में महिलाओं के लिए अधिक समानता और सशक्तिकरण की दिशा में यह वृद्धि एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उन्हें न केवल अर्थिक बल्कि सामाजिक रूप से भी अधिक सशक्त बनाने की दिशा में मदद मिलेगी।