मैसूरु (कर्नाटक) (अप्सरा): मैसूरु के मतदाताओं के सामने इस लोकसभा चुनाव में विशेष और साधारण के बीच चयन करने का अवसर है। भाजपा के यदुवीर कृष्णदत्ता चामराज वाडियार और कांग्रेस के एम लक्ष्मण इस क्षेत्र से अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं।
यदुवीर, जो मैसूरु के पूर्व राजघराने के वंशज हैं, मैसूर लोकसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहे हैं। वहीं, लक्ष्मण राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता हैं और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी भी हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। उनकी यात्राओं और प्रचार सभाओं की संख्या इस क्षेत्र के प्रति उनकी विशेष रुचि को दर्शाती है।
मतदाताओं के सामने चुनावी मैदान में यदुवीर की शाही छवि और लक्ष्मण की साधारण जनता से जुड़ी छवि के बीच का चयन एक रोचक पहलु है। इस द्वंद्व का मुख्य आकर्षण यही है कि मतदाता किसके हाथों में अपने क्षेत्र की कमान सौंपना चाहते हैं। मैसूरु के लोगों की यह चुनावी लड़ाई न केवल दो प्रतिष्ठित उम्मीदवारों के बीच है, बल्कि यह उनके द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले विचारधाराओं के बीच भी है। एक ओर राजशाही की परंपरागत छवि है, तो दूसरी ओर लोकतांत्रिक आदर्शों का निर्वहन।
इस चुनावी संघर्ष में यह देखना विशेष रूप से दिलचस्प होगा कि मतदाता विरासत और विकास के बीच किसे चुनते हैं। यदुवीर की शाही पृष्ठभूमि और लक्ष्मण की सामान्य जन-संबंधी छवि इस चुनाव को और भी गहन बना देती है। अंततः, मैसूरु के लोकसभा चुनाव में इस शाही बनाम साधारण की लड़ाई का निर्णय मतदाता के हाथ में है।